ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मिलेट्स (सिरिध्यान) की भूमिका
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में डायबिटीज़ (मधुमेह) एक आम समस्या बन चुकी है। दवाइयों और व्यायाम के साथ-साथ सही आहार का चुनाव ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है। इस संदर्भ में मिलेट्स (सिरिध्यान/सुपर ग्रेन्स) को बेहद लाभकारी माना जाता है।
मिलेट्स क्या हैं?
मिलेट्स छोटे अनाज होते हैं जिन्हें सदियों से भारत और एशिया-अफ्रीका के अन्य देशों में खाया जाता रहा है। इनमें प्रमुख प्रकार शामिल हैं:
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बाजरा (Pearl Millet)
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रागी/मंडुआ (Finger Millet)
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कंगनी (Foxtail Millet)
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कुटकी (Little Millet)
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सांवा (Barnyard Millet)
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कोदो (Kodo Millet)
ब्लड शुगर कंट्रोल में मिलेट्स क्यों फायदेमंद हैं?
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लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Low GI):
मिलेट्स धीरे-धीरे ग्लूकोज़ रिलीज़ करते हैं, जिससे अचानक शुगर स्पाइक नहीं होता। -
फाइबर से भरपूर:
इसमें मौजूद फाइबर पाचन को धीमा करता है और ग्लूकोज़ को नियंत्रित रूप से अवशोषित करता है। -
पोषक तत्वों से समृद्ध:
मिलेट्स में मैग्नीशियम, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो इंसुलिन की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं। -
ग्लूटेन-फ्री:
यह प्राकृतिक रूप से ग्लूटेन-फ्री है, इसलिए आसानी से पच जाते हैं।
डायबिटीज़ रोगियों के लिए सर्वोत्तम मिलेट्स
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सांवा (Barnyard Millet): सबसे कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला।
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रागी: एंटीऑक्सीडेंट और कैल्शियम से भरपूर।
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कुटकी: धीरे-धीरे ऊर्जा प्रदान करती है।
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बाजरा: शुगर लेवल के साथ-साथ हड्डियों के लिए भी फायदेमंद।
आहार में मिलेट्स कैसे शामिल करें?
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चावल की जगह पके हुए मिलेट्स का इस्तेमाल करें।
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मिलेट्स के आटे से रोटी, पराठा या डोसा बनाएं।
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नाश्ते में मिलेट्स की खिचड़ी, उपमा या दलिया लें।
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हेल्दी स्नैक्स और बेक्ड आइटम्स में प्रयोग करें।
निष्कर्ष
मिलेट्स को रोज़ाना आहार में शामिल करना ब्लड शुगर लेवल को प्राकृतिक तरीके से नियंत्रित करने का आसान और प्रभावी उपाय है। डायबिटीज़ के रोगियों के लिए यह एक स्वास्थ्यवर्धक विकल्प है।